दिल की हसरत तो बस इतनी थी, ये दिल की बात तुम तक पहुँचाना, दिल की गली सूनी है तुम्हारे बिन, तुम जब दिल करे चाहे चली आना..!

जाते जाते वो ले गया हमसे , हमारे दिल का चैन और करार, बछड़े हसीं से थे वो पल, जिनके सजदे  किये हमने हज़ारों बार.

ए दिल किस बात से हमसे खफा रहता है, तू वफ़ा करता है सबसे मगर, हमारा दुश्मन बना रहता है.

सुबह हो जाती है हर तनहा रात की, यूँ तो कभी कभी, आसमां पे भी काले बादल उमड़ आते हैं..!

जो टूट जाये उसके लिए क्या रोना, जो दिल से उतर गया तो फिर उसका क्या होना क्या ना होना..!

कारवां ऐ उल्फत में हम यूँ गुज़रें की, हर रास्ता तेरी देहलीज़ पे आके ख़तम हो जाये.

तू हमें गैर समझ ले , हमें कोई मलाल नहीं, रुक्सत तो कबका कर दिया तुम्हें , इस दिल से भी दिमाग से भी..!

दिल चाहता है ज़िंदगानी तेरे नाम कर दूँ, खुद से बेखुदी कर दूँ, जब तलक ज़िंदा रहूँ, हर साँस तेरे नाम कर दूँ.

में परवाना हूँ , चाहता हूँ तेरी चाहत में फना हो जाना, थोड़ी देर के लिए ही तुम शमा बनके, मेरी ज़िन्दगी को रोशन कर जाना.

मेरी ज़िन्दगी से मोहब्बत का वास्ता करा दे, तू इश्क़ बन के मुझे जीना सिखा दे, ढूंढे मेरी निगाहें यहाँ तू जाये, तू इस दिल को थोड़ी सी मुफलिसी सिखा दे.