उनके आने भर से चेहरे पे आ जाती है मुस्कुराहट और ये दिल धड़कनो से गुफ्तागू करने लगता हैं

जिस्की की आरजू में रहते हैं आज कल हम जरा-जरा सी बात पे उसका इतराना तो बनता है

हैं अब भी हम तेरे इंतजार में सनम एक बार तो आओ फिर चाहे बिन बुलाए आना

मोहब्बत की खुशबू से महक गये हम शुक्रिया तुम्हारा दिल में घर बनाने के लिये

हर हसरत में वस्ल-ए-जानाँ हो तुम ही, रूह पाकीजा हो जाती है तेरे ख्यालों से 

अगर यादें बन कर आना हो तो मत आना हमें मोहब्बत की आरजू है, जिंदगी की नही 

जे शहर उसका है और हम इसी शहर में रहते हैं जिस्की आरज़ू में हम नहीं, हम उसी की आरज़ू में रहते हैं

हर इक लम्हा तुम्हारे नाम किया है, दिल ने मोहब्बत में ऐसा काम किया है 

एक तू है और एक मेरी मोहब्बत दोनों अब मेरे जानी दुश्मन हैं

दिल हिफाजत तुम्हारे खुआबों की करता है, बेखुदी की हद तक तुमसे मोहब्बत करता है 

THANKS FOR WATCHING