तुम उदास होती हो तो हमारा दिल रोता है, सच बताना क्या यही इश्क़ होता है..!

आ भी जाओ हमसे मिलने कभी, ये इश्क़ अधूरा ना रह जाये, तुम्हारे बिन कहीं..!

आ भी जाओ हमसे मिलने कभी, ये इश्क़ अधूरा ना रह जाये, तुम्हारे बिन कहीं..!

वो इश्क़ था हमारा, हमसाया नही था, हम तो थे उसी के, पर वो हमारा नहीं था..!

तेरे बिन हमें और कोई भाता नहीं, वगैर तेरे जीने में कोई मजा आता नहीं..!

तेरे बिन हमें और कोई भाता नहीं, वगैर तेरे जीने में कोई मजा आता नहीं..!

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इश्क़ से वाकिफ जबसे हो गए हैं, तेरी वफ़ा के काबिल हो गए हैं, दिल हमारा अब तुम्हारा घर है, इस कदर तेरी उल्फत में शामिल हो गए हैं..! 

इश्क़ की राहों से हम गुज़र जायेंगे, तुम्हारी वफ़ा के पहरेदार बन जायेंगे, जब तलक जियेंगे तेरे लिए ही जियेंगे, अपनी ज़िन्दगी तेरे नाम कर जायेंगे..!

अधूरा इश्क़ है और अधूरी शाम है, सब हमसे जुड़ा सा है, एक दिल है ये भी उसी के नाम है..!

इश्क़ का दस्तूर भी अजब है, जिस किसी को भी हो जाता है, बस उसी का हो जाता है…! 

हादसा-ऐ-इश्क़ जब हो जाये तो दिल क्या करे, तबियत-ऐ-नासाज़ हो जाये तो दिल क्या करे, नज़रों की इनायत जब हो जाती है, मरीज़-ऐ-इश्क़ को तब जन्नत नसीब हो जाती है..!