दर्द भरी शायरी | Heartfelt Sad Shayari Hindi Status in 2023
Explore our collection of heartfelt and emotional sad shayari in Hindi that capture the pain and agony of heartbreak, loss, and separation. Get lost in the depths of our poetic expressions of sorrow and find solace in knowing that you are not alone in your sadness.
हमारे इस दर्द भरी शायरी के सग्रॅह में दिल के दर्द, हार, एवं लगाव को दरसाया गया है | ज़िन्दगी में एक ऐसे मोड़ आते हैं जब हर किसी द्वारा इन भाव को को महसूस किया जाता है और उस मनोस्थिति को हम शब्दों के द्वारा बाटने का हमने प्रयास किया है उम्मीद है बाकि पोस्ट की तरह आप इनको भी सराहेंगे, धनयवाद.!
कदर
जो हक़ में ना हो,
उसपे हक़ जाताना क्या,
जहाँ दिल की कदर ना हो,
वहां फिर दिल लगाना क्या.
JO HAQ MEIN NA HO,
USPE HAQ JATANA KYA,
JAHAN DIL KI KADAR NA HO,
WAHAN PHIR DIL LAGANA KYA.
वफादारी
अभी तलक तो मोहब्बत पर बिक़े हैं,
हम आज भी सनम वफादारी पे टिके हैं,
खुशियों के पल तुम्हें मुबारक कर दिए,
ग़म तो सभी हमने अपने हिस्से चुने हैं.
ABHI TALAK TO MOHABBAT PAR BIKE HEIN,
HAM AAJ BHI SANAM WAFADAARI PE TIKE HEIN,
KHUSHIYON KE PAL TUMHEIN MUBARAK KAR DIYE,
GHAM TO SABHI HAMNE APNE HISSE CHUNE HEIN.
मिटटी
टूटे ख़ुआब शीशे से टुकड़ों पे दिखे हैं,
वक़त पर सभी के असली चेहरे दिखे हैं,
रूह की ख़बर लेने वाला है कौन यहाँ,
आखिर तो जिस्म सब यहाँ मिटटी के बने हैं.
TOOTE KHUAAB SHEESHE SE TUKDHON PE DIKHE HEIN,
WAQAT PAR SABHI KE ASLI CHEHRE DIKHE HEIN,
ROOH KI KHABAR LENE WALA HAI KON YAHAN,
AAKHIR TO JISM SABH YAHAN MITTI KE BANE HEIN.
रूह्दारी
खेल रूह्दारी का हो तो हारना पढता है,
दिल को चैन ना हो तो मन मरना पढता है,
जे ज़िन्दगी की राह इतनी भी आसान नहीं है,
यहाँ पल पल जीना पल पल मरना पढता है.
KHEL ROOHDAARI KA HO TO HARNA PADHTA HAI,
DIL KO CHAIN NA HO TO MAN MARNA PADHTA HAI,
JE ZINDAGI KI RAAH ITNI BHI ASAAN NHI HAI,
YAHAN PAL PAL JINA PAL PAL MARNA PADHTA HAI.
पहचान
बात तो मोहब्बत की थी तुम जान ना पाये,
मेरे दिल में बसी चाहत पहचान ना पाये,
खुदा के दर पर आकर भी हम क्या करते,
जब तुम्ही को ख़ुदा माना और तुम्हीं ना जान पाये.
BAAT TO MOHABBAT KI THI TUM JAAN NA PAYE,
MERE DIL MAIN BSI CHAHT PEHCHAAN NA PAYE,
KHUDA KE DAR PAR AAKAR BHI HAM KYA KARTE,
JAB TUMHI HAMARE KHUDA THE YE JAAN NA PAAYE
उमीदों का मकां जब डेहता है,
मन मासूम कहाँ फिर रहता है,
जज़्बातों की आंधी में बेहता है,
और दिल का दरिया निगाहों से बेहता है.
UMEEDON KA MAKAN JAB DEHTA HAI,
MAN MASOOM KAHAN PHIR REHTA HAI,
JAZBAATON KI AANDI MEIN BEHTA HAI,
DIL KA DARIYA TAB NIGAAHON SE BEHTA HAI.
गुमनाम
है नहीं हक़ में हमारे ये ज़माने की खुशियां,
ये शेयर गुमनाम है हमारे,
लेकिन तलाशते तुम्हीं को हैं,
है यूँ तो ये दुनिया से बेखबर,
और ये जानते सिर्फ तुम्ही को हैं.
अल्फ़ाज़ों में सिमटे हुए ये,
ये हर रोज़ तुमसे मुखातिब होते हैं.
HAI NHI HAQ MEIN HAMARE YE ZAMANE KI KHUSHIYAN,
YE SHARE GUMNAAM HAI HAMARE,
LEKIN TALASHTE TUMHIN KO HAIN,
HAIN YUN TO YE DUNIYA SE BEKHABAR
AUR YE JANTE SIRF TUMHIN KO HAIN.
ALFAZON MEIN SIMTE HUYE YE
YE HAR ROZ TUMSE MUKHATIB HOTE HAIN