Top 50+ Best Sad Shayari In Hindi With Images
इस पोस्ट में हम आपके लिए दर्द से भरी हुयी शायरी लेकर आये हैं, ये पोस्ट पर Sad Shayari अदारित है. इस मोहब्बत ने बहुत लोगों का दिल तोड़ा है, कुछ चन्द लोग होते हैं जिनको उनका प्यार नसीब होता है. ऐसे ही कुछ दर्द से भरे शेयर हम आपके लिए लाये हैं, उम्मीद है दर्द से भरे इस काव्य संग्रह को आप सराहेंगे. इस पोस्ट को अपने दोस्तों के संग साझा करें..!
बेरुखी
बेरुखी से आपकी कोई गिला नहीं हमें,
बस इतनी सी शिकायत है हमें,
धीरे-धीरे आप जितने खास होने लगे हैं,
धीरे-धीरे हम उतने आम होने लगे हैं.
BERUKHI SE AAPKI KOI GILA NHI HAME,
BAS ITNI SI SHIKAYAT HAI HAME,
DHEERE DHEERE AAP JITNE KHAAS HONE LAGE HEIN,
DHEERE DHEERE UTNE AAM HONE LAGE HEIN.
कर्ज
साँसों का कर्ज चुकाते आये हैं,
ज़िंदगी यूँही लुटाते आये हैं,
कितने भी ग़म आये हों इस रास्ते पर,
हम यूँही हमेशा मुस्कुराते आये हैं.
SAANSO KA KARAZ CHUKATE AAYE HEIN,
ZINDAGI YUNHI LUTATE AAYE HEIN,
KITNE BHI GHAM AAYE HON IS RASTE PAR,
HAM YUNHI HAMESHA MUSKURATE AAYE HEIN.
हालात
ख़्वाहिश थी ख़ुशियों भरे महल सजाने की,
लेकिन ग़म और हालातों ने चुन लिया हमें.
KHUAAHISH THI KHUSHIYON BHARE MEHAL SAZAANE KI,
LEKIN GHAM AUR HALAATON NE CHUN LIYA HAME,
चाहत
चुप चाप ज़िंदगी बसर हो जाये तो क्या है,
ना किसी की चाहत ना किसी से गिला है.
CHUP CHAP ZINDAGI BASAR HO JAYE TO KYA HAI,
NA KISI KI CHAHAT NA KISI SE GILA HAI.
देहलीज़
रस्ते अलग हैं मंजिल तो वहीं है,
तुम आ के बैठो या ना बैठो हमारी महफ़िल में,
फिर भी हम मगर तुम्हारे दिल की देहलीज़ पे काबिज़ तो हैं..!
बेहयाई
उसे नींद कैसे आती होगी,
ये वफ़ा की ही राह पर इतनी,
बेहयाई सी क्यों होती है..!
दूरी
ये नज़दीकी दर्द और बढ़ा देती है..!
बेवफाई
वफ़ा पे काबिज़ अब बेवफाई होने लगी..!
वफ़ा
पर हम वफ़ा से बने हैं बेहयाई से नहीं..!
मंजिल
मगर फिर भी तुम किसी और मंजिल के मुसाफिर निकले..!
आशिक़ी
और हमें हर बार आशिक़ी में झुक जाना आता है..!
नासमज
ढूंढोगे जब तब हम ना होंगे एक ज़माने के बाद..!
रूह
तेरा ना होना जैसे जिसम का रूह से जुदा होना..!
दगा
तुम्हारी रगों में नहीं वफ़ा करना..!
अँधेरा
हर तरफ अँधेरा कर जाता है..!
दुनिया
जब तेरी दुनिया से जायेंगे, तो मुकम्मल ही जायेंगे..!
दर्द
लेकिन इसे अभी तलक दर्द ने ही जोड़े रखा है..!
जाल
मुश्किल है बढ़ा इस उल्फत के जाल से निकलना..!
दूरियां
कहाँ गये वो दिन जब साथ मैं ढेरों बातें होती थी,
कहाँ गये वोह दिन जब तुम और मैं होते थे, और दूजा कोई नहीं,
कहाँ हो तुम अब और हम कहाँ हैं,
सोचो जरा किस बात के लिए इतनी दूरियां हैं..!
लब
ये दिल तड़पता इतना बेवजेह तो नहीं,
शिकायत है तुम्हें हमे इस बात की खबर है,
हमारे भी कुछ गिले जो ज़ाहिर कभी किए नहीं.
LABHON PE MUSKURAT ITNI ASAA TO NHI,
YE DIL TADAPTA ITNA BEWAJEH TO NHI,
SHIKAYAT HAI TUMHEIN HAME IS BAT KI KHABAR HAI,
HAMARE BHI KUCH GILE JO ZAAHIR KIYE NHI KABHI.
साया
इस हद तक ख़ुद से बेवफ़ा हो गए,
हमारे हक में ही थी नहीं मोहब्बत,
जिसकी खातिर फ़ना हो गए.
EK SAAYE KA PEECHA KIYA UMAQ BHAR,
IS HAD TAQ KE KHUD SE BEWAFAA HO GYE,
HAMARE HAQ MEIN WO THI NHI MOHABBAT,
JISKI KHAATIR FANAA HO GYE.
इंतज़ार-ऐ-मुफलिसी
हमें सोये हुए ज़माना हो गया,
इंतज़ार-ऐ-मुफलिसी में,
ये टूटे हुए दिल का फ़साना हो गया..!
देहलीज़
रस्ते अलग हैं मंजिल तो वहीं है,
तुम आ के बैठो या ना बैठो हमारी महफ़िल में,
फिर भी हम मगर तुम्हारे दिल की देहलीज़ पे काबिज़ तो हैं..!
मुसाफिर
क्या बात है जो इतने संगदिल हो गये हो,
वो रात की ख़ामोशी याद है तुम्हें,
अब रातों के मुसाफिर हो गये हो..!
ग़म
हम तनहा रास्तों के मुसाफिर सही,
जब दिल टूट ही गया तो चाहत का क्या रोना,
जो हुआ ही नहीं हमारा उसके लिए क्या रोना..!
जहाँ
ना वो इश्क़ रहा,
ना वोह ज़माना रहा,
सारा जहा भूल गये हम,
और एक ही शक़श हमारे लिए इस जहाँ में रहा..!
साहिल
जब तुम हो तो सब है,
और जब तुम नहीं तो कुछ नहीं,
जैसे इश्क़ में डूबा ये दिल,
कभी साहिल से मिला नहीं..!
जहाँ
ना वो इश्क़ रहा,
ना वोह ज़माना रहा,
सारा जहा भूल गये हम,
और एक ही शक़श हमारे लिए इस जहाँ में रहा..!
दुशबार
पता ही ना चला कब तुम मेरी ज़िन्दगी बन गयी,
तेरे बिन साँस लेना भी अब दुशबार सा लगने लगा,
ऐसे धड़कन मेरी तेरी गुलाम बन गयी..!
चाहत
ये चाहत नाम की बीमारी बढ़ी जानलेवा सी है..!
ठिकाना
और हम फूलों को सींचते रहे उसके लिए..!
तन्हाई
अकेले अपनी तन्हाई में खुश रहते हैं..!
उल्फत
और तुमने ही हमारे दिल का पूरा हिसाब कर डाला..!
खबर
हम तेरे दिल के मोहल्ले के चोकीदार जो ठहरे..!
सांसें
मेरी धड़कनो में तुम युंही धड़कते रहना..!
सफर
यहाँ जाने पहचाने भी अजनबी बन जाते हैं..!
ठिकाना
एक तरफ़ा मोहब्बत और एक तरफ़ा चाहत दिल को चैन से जीने ना देगी..!
तन्हा
WAQT NE EHSAS KARA DIYA HAMARE TANHAA HONE KA,
WARNA HAM TO PEHLE BHI AKELE THE AUR AAJ BHI AKELE HEIN.
बेवफ़ा
तुम बदल जाओ तो वक़्त का तक़ाज़ा है,
हम बदल गए तो बेवफ़ा होने लगे.
TUM BADAL JAO TO WAQT KA TAKAJA HAI,
HAM BADAL GAYE TO BEWAFA HONE LAGE.
परिंदा
परिंदे की तरह उड़ते फिरते हो आसमानों में,
क्या हो गर पैर रखने को ज़मीन ना मिले.
PRINDE KI TARAH UDTE FIRTE HO AASMANO MEIN,
KYA HO GAR PAIR RAKHNE KO ZAMIN NA MILE.
दिल
यही सोच कर हमने अपने पास ही संभाले रखा है..
DIL TOOTA HUA KAHAN KISI KE KAAM AATA HAI,
YEHI SOCH KAR HAMNE APNE PAAS HI SAMBHALE RAKHA HAI.
ख़ुशबू
ये काफी है ज़िंदगी महकाने के लिए.
AAJ BHI TUMHARE TOHFON SE KHUBOO SI AATI HAI,
YE KAAFI HAI ZINDAGI MEHKANE KE LIYE.
हक
मोहब्बत पे हमको हक जताना ही नहीं.HAI NHI HAMAARE HAQ MEIN MOHABBAT TO KOI GILA NHIN,MOHABBAT PE HAMKO HAQ JATANA HI NHI
मुस्कान
आज वो भी ग़म भुलाने के काम नहीं आई.
EK HI MUSKURAHAT JO THI ZINDAGI APNI,
AAJ WO BHI GHAM BHULAANE KE KAAM NA AAYI.
साये
और हम परछाई की तरह उसके साथ चलते आये हैं..!
बैर
दिन में सोना,
ये मोहब्बत का वक़्त से बैर पुराना है..!
ज़ेहन
वो क्या अब भी खुश होगी कहीं और घर बसाने के बाद..!
ज़हर
क्यों अब तू मुझको जहर की तरह दिखाई देती है..!
बेरुखी
लेकिन तेरी बेरुखी संग रहना इस दिल को गवारा नहीं..!
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