Shayari On Ishq
Shayari On Ishq
दोस्तों इश्क़ का एहसास बहुत खास होता है, जिस किसी को भी ये होता है, वो इसके एहसास से भली भांति परिचित है, आज हम आपके लिए से Shayari On Ishq समबन्दित संग्रह लेकर आये हैं, उम्मीद है आप इसे पसंद करेंगे..!
तुम उदास होती हो तो हमारा दिल रोता है,
सच बताना क्या यही इश्क़ होता है..!
TUM UDAAS HOTI HO TO HAMARA DIL ROTA HAI,
SACH BATANA KYA YEHI ISHQ HOTA HAI..!
तुम्हारे बिन
आ भी जाओ हमसे मिलने कभी,
ये इश्क़ अधूरा ना रह जाये, तुम्हारे बिन कहीं..!
AA BHI JAO HAMSE MILNE KABHI,
YE ISHQ ADHURA NA REH JAYE, TUMHARE BIN KAHIN..!
इश्क़ मिज़ाज़ी
हमें इश्क़ मिज़ाज़ी के आलम में डूब जाने दे,
उल्फत के समंदर में रेत की तरह बिखर जाने दे..!
HAME ISHQ MIZAZI KE ALAAM MAIN DOOB JANE DE,
ULFAT KE SAMANDAR MAIN RET KI TARAH BIKHAR JANE DE..!
इश्क़
वो इश्क़ था हमारा, हमसाया नही था,
हम तो थे उसी के, पर वो हमारा नहीं था..!
WO ISHQ THA HAMARA, HAMSAYA NA THA,
HAM TO THE USI KE, PAR WOH HAMARA NA THA..!
वाकिफ
इश्क़ से वाकिफ जबसे हो गए हैं,
तेरी वफ़ा के काबिल हो गए हैं,
दिल हमारा अब तुम्हारा घर है,
इस कदर तेरी उल्फत में शामिल हो गए हैं..!
ISHQ SE WAKIF JABSE HO GYE HAIN,
TERI WAFAA KE KAABIL HO GYE HAIN,
DIL HAMARA AB TUMHARA GHAR HAI,
IS KADAR TERI ULFAT MAIN SHAAMIL HO GYE HAIN..!
ज़िन्दगी
इश्क़ की राहों से हम गुज़र जायेंगे,
तुम्हारी वफ़ा के पहरेदार बन जायेंगे,
जब तलक जियेंगे तेरे लिए ही जियेंगे,
अपनी ज़िन्दगी तेरे नाम कर जायेंगे..!
ISHQ KI RAHON SE GUZAR SE GUZAR JAYENGE,
TUMHARI WAFAA KE PEHREDAAR BAN JAYENGE,
JAB TALAK JIYENGE TERE LIYE HI JIYENGE,
HAM APNI ZINDAGI TERE NAAM KAR JAYENGE..!
अधूरा इश्क़
अधूरा इश्क़ है और अधूरी शाम है,
सब हमसे जुड़ा सा है,
एक दिल है ये भी उसी के नाम है..!
ADHURA ISHQ HAI AUR ADHURI SHAAM HAI,
SAB HAMSE JUDA SA HAI,
EK DIL HAI YE BHI USI KE NAAM HAI..!
इश्क़ का दस्तूर
इश्क़ का दस्तूर भी अजब है,
जिस किसी को भी हो जाता है,
बस उसी का हो जाता है…!
ISHQ KA DASTOOR BHI AJAB HOTA,
JIS KISI KO BHI HO JAATA HAI,
BAS USI KA HO JAATA HAI…!
ये इश्क़
ये इश्क़ नहीं आसान मुश्किलों का घर है,
जो इसमें रहता है,
वो कहीं का ना रहता है..!
YE ISHQ NHI ASAAN MUSHKILON KA GHAR HAI,
JO ISMAIN REHTA HAI,
WO KAHIN KA NA REHTAA HAI..!
हादसा-ऐ-इश्क़
हादसा-ऐ-इश्क़ जब हो जाये तो दिल क्या करे,
तबियत-ऐ-नासाज़ हो जाये तो दिल क्या करे,
नज़रों की इनायत जब हो जाती है,
मरीज़-ऐ-इश्क़ को तब जन्नत नसीब हो जाती है..!
HADSA-E-ISHQ JAB HO JAYE TO DIL KYA KARE,
TABIYAT-E-NASAZ HO JAYE TO DIL KYA KARE,
NAZRON KI INAYAT JAB HO JAATI HAI,
MARIZ-E-ISHQ KO TAB JANNAT NASEEB HO JAATI HAI..!
इश्क़ का पैगाम
आज उनसे इश्क़ का पैगाम आया है,
बज़म-ऐ-हिदायत आयी है सुदर जाने की,
यही कहना अब हमारा है उनसे,
इश्क़ ने सब कुछ शिखा दिया,
पर सुदर जाना ना सिखा पाया..!
AAJ UNSE ISHQ KA PAIGAAM AYA HAI,
BAZAM-E-HIDAYAT AYI HAI SUDAR JANE KI,
YEHI KEHNA AB HAMARA HAI UNSE,
ISHQ NE SAB KUCH SHIKHA DIYA HAME,
PAR SUDAR JANA NA SIKHA PAYA..!
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प्यार भरी शायरी (Poetry-Wikipedia)