Emotional Shayari | इमोशनल शायरी से समबन्दित बेहतरीन रचनाएँ
Emotional Shayari | इमोशनल शायरी
इस पोस्ट में हम आपके लिए Emotional Shayari | इमोशनल शायरी पर अदारित शायरी लेकर आये हैं, इस पोस्ट में Emotional Shayari से समबन्दित शायरी स्टेटस कोट्स टेक्स्ट S.M.S. आदि का संपूर्ण कलेक्शन नीचे दिया गया है आज इसी टॉपिक पर केंद्रित यह हमारा कावये संग्रह है. इस पोस्ट में इमोशनल शायरी पर आदारित शायरी आपको पढ़ने को मिलेंगी. उम्मीद है आप पसंद करेंगे और इसे और दोस्तों संग साझा करें.
ख्याब
हरेक ख्याब हकीकत हुआ नहीं करते,
सुलगते शोलों को कभी धुआं नहीं करते,
फजा में ढूंढते हो क्यों, रंग जीवन के,
चमन में फूल ये दिल के खिला नहीं करते,
हरेक ख्याब हकीकत हुआ नहीं करते,
सुलगते शोलों को कभी धुआं नहीं करते,
Harek khawab haqiqat hua nhi karte,
Sulagte sholay ko kabhi dhuan nhi karte,
Faza main dundte ho kyun, rang jeevan ke,
Chaman ke phul ye dil me khila nhi karte,
Harek khawab haqiqat hua nhi karte,
Sulagte sholon ko kabhi dhuan nhi karte..!
ये रंजोगम और खुशियों का चलन,
मेहमान हैं पल दो पल,
दिलों के दाग़ ये अश्क़ों से धुला नहीं करते,
हरेक ख्याब हकीकत हुआ नहीं करते,
सुलगते शोलों को कभी धुआं नहीं करते,
Ye ranjhogam aur khushion ka chalan,
Mehman hai pal do pal,
Dilon ke daag ye ashkon se dhula nhi karte,
Harek khawab haqiqat hua nhi karte,
Sulagte sholon ko kabhi dhuan nhi karte..!
ये शाम ए गम है नहीं है ख़ुशी की कोई महफ़िल,
लौटा ले हाथ कि इनको धुआं नहीं करते,
हरेक ख्याब हकीकत हुआ नहीं करते,
सुलगते शोलों को कभी धुआं नहीं करते,
Ye sham-e-gam hai nhi hai khushi ki koi mehfil,
Lauta le hath ki inko dhuan nhi karte,
Harek khawab haqiqat hua nhi karte,
Sulagte sholon ko kabhi dhuan nhi karte,
फैलाया आँचल बहारों ने थाम लो दामन,
कि ऐसे रोज रोज दरीचे खिला नहीं करते,
हरेक ख्याब हकीकत हुआ नहीं करते,
सुलगते शोलों को कभी धुआं नहीं करते..!
Failaya aanchal baharon ne tham lo daaman,
Ki aise roz roz dariche khila nhi karte,
Harek khawab haqiqat hua nhi karte,
Sulagte sholon ko kabhi dhuan nhi karte..!
….रोशनी हमराह….
MEHFIL-E-ISHQ
मेहफ़िले इशक में हम भी शामिल हो गए,
तेरा युं ज़िंदगी में आना केहर डा गया,
गुज़रना नहीं था जिस गली में,
वह से गुजर जाना गज़ब डा गया,
एक नजर भर देख क्या लिया उसने,
इस दिल पे गहरा असर शा गया,
ना वाकिफ रहे इशक के एहसास से,
पर तसव्वुर यूँ जाम छलका गया,
वो एक मुस्कराहट से अपनी,
सारा हल-ऐ-दिल समझा गया..!
Mehfile ishq me ham bhi shamil ho gye,
Tera yun zindgi me ana kehar dha gya,
Guzarna nhi tha jis gali me,
Vhan se gujar jana gazab dha gya,
Ek nazar bhar dekh liya kya liya usne,
Is dil pe gehra asar shaa gya,
Na wakif rhe ishq ke ehsas se,
Par tasavur yun jam chalka gya,
Vo ek muskurahat se apni,
Apna sara hal-e-dil smjha gya..!
NACHIZ-E-ISHQ
आते जाते रहना दिल की महफिलों में,
नाचीज़-इ-इशक पे ये तुम्हारा एहसान होगा,
इस धरक्ते दिल की फरियाद भी सुनते जाना,
दिल की धडकनो को तुम्हारा एहतराम होगा..!
Aate jaate rehna dil ki mehfilon me,
Nachiz-e-ishq pe ye tumhara ehsan hoga,
Is dharakte dil ki fariyaad bhi sunte jana,
Dil ki dharkano ko tumhara ehtram hoga..!
ख्वाबों ख्यालों में तो तुम्हारा पहरा है,
क्या पता तुम्हारी नजर को भी हमारा इंतज़ार होगा,
हक़ दिया नहीं अभी तलक किसी को,
जीवन की डोर पर भी तुम्हारा इखित्यार होगा,
आते जाते रहना दिल की महफिलों में,
नाचीज़-इ-इशक पे ये तुम्हारा एहसान होगा..!
Khuawon khayalon me to tumhara pehra hai,
Kya pta tumhari nazar ko bhi hamara intzar hoga,
Haq diya nhi abhi talak kisi ko,
Jeevan ki dor par bhi tumhara ikhtiyar hoga,
Aate jate rehna dil ki mehfilon main,
Nachiz-e-ishq pe ye tumhara ehsan hoga..!
वफादारी का वास्ता तो यूँ जरूर अता किया हमने,
तुम्हारे दिल भी इससे
रूबरू रहा होगा,
बेकरारी का आलम जो शाया हुआ सा हमपे,
क्या पता तुम्हारा करार भी डोल गया होगा,
रातों की नींद दिल का चैन तो कबका चला गया,
उम्मीद है की हाल तो तुम्हारा
भी ऐसा रहा होगा,
तुम्हारा किसी और को देखना जला जाता है मेरा दिल,
बता देना गर तुम्हारा हल-ऐ-दिल भी ऐसा रहा होगा,
जताते रहेंगे तुम पर अपना हक़ इसी उम्मीद से हम,
बता देना गर तुम्हारा वास्ता भी इस इशक से
पड़ा होगा,
आते जाते रहना दिल की महफिलों में,
नाचीज़-इ-इशक पे ये तुम्हारा एहसान होगा..!
Wfadari ka vasta to yun jroor ataa farmayainge,
Tumhare dil bhi isse rubru rha hoga,
Bekarari ka aalam jo shaya hua ham par,
Kya pta tumhara karar bhi dol gya hoga,
Raaton ki nind, dil ka chain kabka chala gya,
Umeed hai ki hal to tumhara bhi aisa rha hoga,
Tumhara kisi aur ko dekhna jala jata hai mera dil,
Bta dena gar tumhara hal-e-dil bhi aisa rha hoga,
Hal-e-dil byan karte rahenge isi umeed me,
Bta dena gar tumhara vaasta bhi is ishq se parha hoga..!
MUFLISI
जो एहसास-ऐ-बयाँ कभी ना हो पाया,
तुम्हें पा ना स्का ना खो पाया,
मुफलिसी का हासिल बस यही हो पाया,
मैं घरी भर किसी का हो पाया..!
MUFLISI KA HASIL BAS YEHI HO PAYA,
MAIN GHARI BHAR KISI KA HO PAYA,
JO EHSAS-E-BYAN KABHI NA HO PAYA,
TUMHAIN PA NA SKA, NA KHO PAYA,
MUFLISI KA HASIL BAS YEHI HO PAYA,
MAIN GHARI BHAR KISI KA HO PAYA..!
माना की फासले बढ़ गए दोनों के दरम्यान,
फिर भी रहा उसी का किसी और का ना हो पाया,
मुफलिसी का हासिल बस यही हो पाया,
मैं घरी भर किसी का हो पाया..!
MANA KE FAASLE BADH GYE DONO KE DARMYAN,
PHIR BHI RHA USI KA, KISI AUR KA NA HO PAYA,
MUFLISI KA HASIL BAS YEHI HO PAYA,
MAIN GHARI BHAR KISI KA HO PAYA..!
इल्ज़ाम-ऐ-वफ़ा अब क्या अब क्या दूं तुम्हें,
जो तू खुयाब में भी मुझसे जुदा ना हो पाया,
मुफलिसी का हासिल बस यही हो पाया,
मैं घरी भर किसी का हो पाया..!
ILZAM-E-WFA AB KYA DUN TUMHAIN,
JO KHAWAB MAIN BHI MUJHSE JUDA NA HO PAYA,
MUFLISI KA HASIL BAS YEHI HO PAYA,
MAIN GHARI BHAR KISI KA HO PAYA..!
दिल-ऐ-नादान
खेलने वाले खेल ही जाते हैं, दिल के अरमान से,
नहीं फरक पढता जहां किसी को किसी के जज्बात से,
खेलने वाले खेल ही जाते हैं, दिल के अरमान से..!
KHELNE WALE KHEL HI JAATE HAIN, DIL KE ARMAAN SE,
NHI FARAK PADHTA JAHA KISI KO KISI KE JAJBAAT SE,
KHELNE WALE KHEL HI JAATE HAIN, DIL KE ARMAAN SE,
बस्ती थी दिल की बसाई जहां, हर तरफ रहने लगी तन्हाई जहां,
अब लौट भी तो जाये कहां, दिल की दुनिया बसाये कहां,
गलती तो हो गयी इस दिल-ऐ-नादान से,
खेलने वाले खेल ही जाते हैं, दिल के अरमान से,
नहीं फरक पढता जहां किसी को किसी के जज्बात से,
खेलने वाले खेल ही जाते हैं, दिल के अरमान से..!
BASTI THI DIL KI BASAYI JAHA HAR TARAF REHNE LAGI TANHAYI JAHA,
AB LAUT BHI TO JAYE KAHA, DIL KI DUNIYA BASAYE KAHA,
GALTI HO TO GYI IS DIL-E-NADAN SE,
KHELNE WALE KHEL HI JAATE HAIN, DIL KE ARMAAN SE,
NHI FARAK PADHTA JAHA KISI KO KISI KE JAJBAAT SE,
KHELNE WALE KHEL HI JAATE HAIN, DIL KE ARMAAN SE,
ज़िंदगी मैं फासले इस कदर बढ़ गए, जाने पहचाने अजनबी बन गए,
दूर हो गए हर उस रिश्ते से, जो थे सिर्फ नाम के,
खेलने वाले खेल ही जाते हैं, दिल के अरमान से,
नहीं फरक पढता जहां किसी को किसी के जज्बात से,
खेलने वाले खेल ही जाते हैं, दिल के अरमान से..!
ZINDGI MAIN FAASLE KUCH IS KADAR BADH GYE,
JANE PEHCHANE AJNABI BAN GYE
DOOR HO GYE HAR US RISHTE SE, JO THE SIRF NAM KE,
KHELNE WALE KHEL HI JAATE HAIN, DIL KE ARMAAN SE,
NHI FARAK PADHTA JAHA KISI KO KISI KE JAJBAAT SE,
KHELNE WALE KHEL HI JAATE HAIN, DIL KE ARMAAN SE,
इमोशनल शायरी हिंदी में
DIL KI BASTI
क्या कहें हम किस कदर तेरे इश्क़ ने जलाया है,
राख का ढेर हो गए अरमानो का बिस्तर हमने सजाया है..!
गर कर देता सारा जहाँ बेवफाई तो सेह जाते,
पर तेरी बेवफाई ने दिल पे खंजर चलाया है.
ज़माने भर से रुस्वा हुए तेरी मुहब्बत की खातिर,
और तुमने भी अल्फ़ाज़ों का बाण चलाया है.
देखना कहीं तनहा न हो जाना तुम,
दिल का दरिया तो हमे डुबोने चला आया है.
है आलमे गम-ऐ-तन्हाई तो क्या,
इस बेखुदी ने हमे खुद से मिलाया है.
इश्क़ की इतनी इनायत तो हो गयी हम पर,
गुज़रे लम्हो में ये जीवन सिमट आया है,
तुम्हारी यादें हमारी ज़िंदगी का सरमाया है..!
KYA KAHEN HAM KIS KADAR TERE ISHAQ NE JALAYA HAI,
RAKH KA DER HO GYE ARMANOKA BISTAR HAMNE SJAYA HAI,
GAR KAR DETA SARA JAHAN BEWFAYI TO SEH JAATE,
PAR TERI BEWFAYI NE DIL PE KHANJAR CHALAYA HAI,
ZAMANE BHAR SE RUSWA HUYE TERI MOHABBAT KI KHAATIR,
AUR TUMNE BHI ALFAZON KA TEER CHALAYA HAI,
DEKHNA KAHIN TANHAA HO JANA TUM,
DIL KA DARYA HAME DOBONE CHALA AYA HAI,
HA ALAMAY GHAM-EY-TANHAYI TO KYA ,
IS BEKHUDI NA HAME KHUD SE MILAYA HAI,
ISHQ KI ITNI INAYAT TO HO GYI HAM PAR,
GUZRE LAMHON MAIN YE JEEVAN SIMT AYAA HAI,
TUMHARI YAADAIN HAMARI ZINDAGI KA SARMAYA HAI..!
दिल की कैफियत
तेरी हर बात पर हमारा ज़िकर होना,
तेरे दिल की कैफियत समजा जाता है,
आँखों का यूँ अक्सर नम हो जाना,
तेरी मुफलिसी की गवाही दे जाता है,
तू लाख बहाने बना दे दिल ना लगाने के,
पर बात बात पे तेरा यूँ हमसे खफा होना,
तुम्हारा हम पे हक़ जता जाता है..!
TERI HAR BAAT PAR HAMARA ZIKAR HONA
TERE DIL KI KAIFIYAT SAMJA JAATA HAI
AANKHON KA YUN AKSAR NAM HO JAANA,
TERI MUFLISI KI GWAHI DE JAATA HAI
TU LAAKH BAHANE BANA DE DIL NA LAGAANE KE
PAR BAAT BAAT PE TERA YUN HAMSE KHAFAA HO JAANA
TUMHARA HAM PE HAQ JATAA JAATA HAI
तुम्हारे दिल में
सुनो ना तुम मेरा दिल आज भी कहता है,
आज भी तुम्हारा दिल हमसे वफादार रहता है,
अरसा हो गया मिले हुए फिर भी, तुम्हारे दिल में,
हमारा ही ख्याल रहता है..!
SUNO NA TUM MERA DIL AAJ BH KEHTA HAI,
AAJ BHI TUMHARA DIL HAMSE WFADAAR REHTA HAI..!
ARSAA HO GYA MILE HUYE PHR BHI, TUMHAARE DIL MAIN,
HAMARA HI KHAYAAL REHTA HAI..!
दिल की बातें
कभी कभी कह देनी चाहिए दिल की बातें,
मन में सब समेटे रखना बढ़ा भारी हो जाता है,
जो ख्याब टूट जाते हैं अक्सर,
उनका दर्द बनकर दिल में उतर जाना मुनासिब हो जाता है…!
KABHI KABHI KEH DENI CHAHIYE DIL KI BAATAIN,
MAN MAIN SAB SMETE RAKHNA BHARA BHAARI HO JAATA HAI,
JO KHUAAB TOOT JAATE HAIN AKSAR,
UNKA DARD BANKAR DIL MAIN UTAR JANA MUNASIB HO JAATA HAI..!
ऐ दिल
ऐ दिल तू हमसे वफ़ा कर,
उसकी यादों से दिल को रिहा कर,
चाहे जो भी अंजाम हो उल्फत का,
तू हर हाल में बस खुश रहा कर..!
AYE DIL TU HAMSE WAFAA KAR,
USKI YAADON SE DIL KO RIHA KAR,
CHAHE JO V ANJAM HO ULFAT KA,
TU HAR HAAL ME BAS KHUSH RAHA KAR..!
दीप
दिल में वफ़ा का दीप जलाया है,
तेरे सपनो को दिल से सजाया है,
तेरी हर खवाहिश को हमने अपनाया है,
तेरी यादें ही तो इस दिल का सरमाया है..!
DIL MAIN WAFAA KA DEEP JALAYA HAI,
TERE SAPNO KO DIL SE SJAYA HAI
TERI HAR KHAWAHISH KO HAMNE APNAYA HAI,
TERI YAADAIN HI TO IS DIL KA SARMAYA HAI
ये आशिक़ी
दिल से बात निकली है तोह दिल तलक जाएगी,
ये आशिक़ी हमारी जाने क्या रंग ले आएगी,
यूँही ख्याबों के दरीचे बुनते बुनते,
तमाम उम्र हमारी गुज़र जाएगी..!
DIL SE BAAT NIKLI HAI TOH DIL TALAK JAYEGI,
YE ASHIQI BHI HAMARI JANE KYA RANG LAI AYEGI,
YUNHI KHAWABON KE DAREECHEE BUNTE BUNTE,
TAMAM UMAR HAMARI GUZAR JAYEGI..!
अधूरे खुआब
अधूरे खुआबों का पीछा करना छोड़ दिया हमने,
अधूरे ख्यालों की परवाह करना छोड़ दिया हमने,
तुम्हें जाना है, तो जा सकती हो दूर हमसे,
जो रिश्ता दर्द की वजह बन जाये,
उससे ताल्लुक़ तोड़ दिया हमने..!
ADHOORE KHUAABON KA PICHA KARNA CHHODH DIYA HAMNE,
ADHOORE KHAYALON KI PARWAAH KARNA CHHODH DIYA HAMNE,
TUMHAIN JAANA HAI, TO JAA SAKTI HO DOOR HAMSE,
JO RISHTAA DARD KI WAJAH BAN JAYE,
US SE TAA LUK TODH DIYA HAMNE..!
हादसे
हादसे तो बहुत हुए ज़िन्दगी में,
पर तुमसे मिलना ना भूल पाया,
बहुत कांटे चुबे इस रास्ते पे चलते हुए,
बहुत ज़ख़्म खाये कसम से,
फिर भी चलना मेरा ना कम हो पाया..!
HAADSE TO BAHUT HUYE ZINDAGI MAIN,
PAR TUMSE MILNA NA BHOOL PAYA,
BAHUT KAANTE CHUBE IS RAASTE PE CHALTE HUYE,
BAHUT ZAKHAM KHAYE KASAM SE,
PHIR BHI CHALNA MERA NA KAM HO PAYA..!
दर्द
तुम दर्द में हो,
ऐसे हाल में हम कहाँ खुश रह पाएंगे,
हक़ीक़त तो यही है,
तुम्हारे बगैर हम भी अकेले ज़िंदा कहाँ रह पाएंगे..!
TUM DARD MAIN HO,
AISE HAAL MAIN HAM KAHAN KHUSH REH PAYENGE,
HAQIQAT TO YEHI HAI,
TUMHAARE BAGAIR HAM BHI AKELE ZINDAA KAHAN REH PAYEGE..!
खूबसूरत
दिल से जो हारे हैं,
इसीलिए तो हम तुम्हारे हैं, क्या है ना,
चेहरा तो मिल सकता है हमें इस से भी खूबसूरत,
जितने फ़िदा हम हैं, उतना तो कोई और हो नहीं सकता..!
DIL SE JO HAARE HAIN,
ISILIYE TO HAM TUMHAARE HAIN, KYA HAI NA,
CHEHRA TO MIL SAKTA HAI HAMAIN IS SE BHI KHOOBSOORAT,
JITNE FIDA HAM HAIN, UTNA TO KOI AUR HO NHI SAKTA
वोही लोग
हमने कहाँ किसी के कल से जवाब मांगा है,
हमने कहाँ किसी के अच्छे यां बुरे होने का हिसाब माँगा है,
हैं तो ये वोही लोग,
जो आपके वकत के हिसाब से अपनी आदतें बदल जाते हैं,
जे वोही लोग हैं,
जो आपके वजूद, आपके ज़िंदा होने, आपके साथ होने पर सवाल उठाते हैं,
और ये वोही लोग हैं,
जो आपके चले जाने पर बनावटी आँसू बहते हैं…!
HAMNE KAHAN KISI KE KAL SE JAWAB MANGA HAI,
HAMNE KAHAN KISI KE ACCHE YAN BURE HONE KA HISAB MANGA HAI,
HAIN TO YE WOHI LOG,
JO AAPKE WAKAT KE HISAB SE APNI AADTAIN BADAL JAATE HAIN,
JE WOHI LOG HAIN,
JO AAPKE WAJOOD, AAPKE ZINDA HONE, AAPKE SATH HONE PAR SWAAL UTHATE HAIN,
AUR YE WOHI LOG HAIN,
JO AAPKE CHALE JAANE PAR BANAWATI AANSOO BAHATE HAIN…!
हाल-ऐ-दिल
रातों की नींद, दिल का चैन तो कबका चला गया,
बता देना गर तुम्हारा भी हल ऐसा रहा होगा,
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तुम्हारा किसी और को देखना जला जाता है मेरा दिल,
बता देना गर तुम्हारा हाल-ऐ-दिल भी ऐसा रहा होगा..!
RAATON KI NEEND, DIL KA CHAIN TO KABKA CHALA GAYA,
BATA DENA GAR TUMHARA BHI HAL AISA RAHA HOGA,
TUMHARA KISI AUR KO DEKHNAA JALA JAATA HAI MERA DIL,
BATA DENA GAR TUMHARA HAAL-E-DIL BHI AISA RAHA HOGA..!
इबादत
जब तुम्हें ही खुदा मान लिया,
इबादत तेरी हम बता कैसे ना करें,
मिलती रही नज़रें हसीं चेहरों से भी,
दिल में तो सिर्फ तेरी ही तस्वीर मिली..!
JAB TUMHAIN HI KHUDAA MAAN LIYA,
IBAADAT TERI HAM BATA KAISE NA KAREN,
MILTI RAHI NAZREN HASEEN CHEHRON SE BHI,
DIL MAIN TO SIRF TERI HI TASVEER MILI..!
तसब्बुर
रातभर जागते रहे हम, तेरे तसब्बुर के साथ,
ऐसी दिल्लगी की दिल ने हमारे साथ..!
कुछ कही कुछ अनकही बातें जेहन में बसी हैं,
मुझे वो तेरे चेहरे की हसीं याद आयी,
में चलता रहा तेरे ख्यालों के साथ,
ख़याल भी कहाँ रहा के दिन है यां रात,
रातभर जागते रहे हम, तेरे तसब्बुर के साथ,
ऐसी दिल्लगी की दिल ने हमारे साथ…!
RAAT BHAR JAGTE RAHE HAM, TERE TASABUR KE SAATH,
AISI DILLAGI KI DIL NE HAMAARE SAATH..!
KUCH KAHI UNKAHI BAATAIN JEHAN MAIN BASI HAIN,
MUJHE VO TERE CHEHRE KI HASIN YAAD AYI,
MAIN CHALTA RAHA TERE KHAYALON KE SAATH,
KHAYAL BHI KAHAN RAHA KE DIN HAI YA RAAT,
RAAT BHAR JAGTE RAHE HAM, TERE TASABUR KE SAATH,
AISI DILLAGI KI DIL NE HAMAARE SAATH..!
खता
खता तो बस इतनी थी हमारी,
तुमसे दिल लगाने की भूल कर बैठे,
खुशियां की कोशिश में हम,
गम इस दिल के नाम कर बैठे,
जो हम से दुश्मनी निभता रहा,
हम उसी दुश्मन से दिल्लगी कर बैठे,
जिसकी वफाओं में हम ना थे कभी,
उसी बेवफा से वफ़ा कर बैठे,
दिल टूटा तो समाज में आ गया,
दिल लगाने की कितनी बढ़ी गलती कर बैठे..!
KHATA TO BAS ITNI THI HAMARI,
TUMSE DIL LAGANE KI BHOOL KAR BETHE,
KHUSHIYAN KE KOHISH MAIN HAM,
GAM IS DIL KE NAM KAR BETHE,
JO HAM SE DUSMANI NIBHITA RAHA,
HAM USE DUSMAN SE DILLAGI KAR BATHE,
JISKI WAFAAON MAIN HAM NA THE KABHI,
USI BEWAFA SE WAFA KAR BAITHE,
DIL TOOTA TO SAMAJ MAIN AA GYA,
DIL LAGNE KI KITNI BADHI GALTI KAR BAITHE..!
अजनबी
हम जबसें तुमसे जुदा हो गए हैं,
ये रास्ते और भी तनहा हो गए हैं,
जो कभी अपने अपने से लगते थे,
अब वो रास्ते अजनबी हो गए हैं,
हमें इश्क़ करना नहीं आया,
मगर फिर भी आशिकी में मशहूर हो गए हैं,
ये दिल हर किसी से वफ़ा निभाता रहा,
आज उसी से बेवफा हो गए हैं,
आरज़ूएँ करवटें लेती हैं,
तम्मनाओं से मजबूर हो गए हैं,
तुम नहीं तो तुम्हारी याद ही सही,
हम तो यादों से मजबूर हो गए हैं,
आशिक़ी का आखिरी सलाम लेते जाना,
अब हम जो तेरी दुनिया से दूर हो गए हैं..!
HAM JABSE TUMSE JUDA HO GYE HAIN,
YE RAASTE AUR BHI TANHAA HO GYE HAIN,
JO KABHI APNE APNE SE LAGA KARTE THE,
AAJ WO RAASTE AJNABI HO GYE HAIN,
HAME ISHAQ KARNA NHI AATA,
MAGAR PHIR BHI ASHIQI MAIN MASHHOOR HO GAYE HAIN,
YE DIL HAR KISI SE WAFAA NIBHAATA RAHA,
AAJ USI SE BEWAFAA HO GYE HAIN,
AARJUYAIN KARWATEN LETI HAIN,
TAMMNAON SE MAJBOOR HO GYE HAIN,
TUM NAHIN TO TUMHAARI YAAD HI SAHI,
HAM TO YAADON SE MAJBOOR HO GYE HAIN,
ASHIQI KA AKHIRI SALAAM LETE JANE,
AB HAM JO TERI DUNIA SE DOOR HO GYE HAIN…!
हाल–ऐ–दिल
तुम आओगे तो हाल–ऐ–दिल सुनायेंगे,
दिल की महफ़िल हम फिर से सजायेंगे,
हर हाल में खुश हैं गर तुमहारा साथ हो,
तुमसे दूर हो कर हम कहाँ ज़िंदा रह पायेंगे..!
TUM AAOGE TO HAAL-EY-DIL SUNAYAINGE,
DIL KI MEHFIL HAM PHIR SE SJAYAINGE,
HAR HAAL MAIN KHUSH HAIN GAR TUMHARA SAATH HO,
TUMSE DOOR HO KAR ZINDA KAHAN REH PAYENGE..!
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