DIL LOVE SHAYARI
मंजर
मैंने देखा था मोहब्बत का वह पहला मंजर,
जब नज़र उसने मिलायी, मेरी नजर के साथ..!
MAINE DEKHA THA MOHHABBAT KA WOH PEHLAA MANJAR,
JAB NAZAR USNE MILAYI, MERI NAJAR KE SAATH..!
अनकहे सवाल
कुछ अनकहे सवालों के साथ,
हमने ज़िंदगी बितायी, तेरे ख्यालों के साथ..!
KUCH ANKAHE SWAALON KE SAATH
HAMNE ZINDGI BITAYI, TERE KHAYALON KE SAATH..!
तेरी चाहत
समझ में नहीं आता इश्क़ है यां जनून,
चाहत तेरी के समंदर में तैरता जा रहा हूँ में..!
SAMAJ MAIN NHI AATA ISHAQ HAI YAN JANIOON
CHAHAT TERI KE SAMANDAR MAI TAIRTA JA RAHA HUN MAIN
रशक
MAIN TUMHARE CHAAND HOMNE KA DAAVA TOH NHI KARTA,
PAR DAAVA HAI MERA, TUMHAIN DEKH KAR CHAAND BHI RASHAK KARTA HOGA..!
मैं तुम्हारे चाँद होने का दावा तो नहीं करता,
पर दावा है मेरा, तुम्हें देख कर चाँद भी रशक करता होगा..!
वो लम्हा
लाज़मी था इश्क़ का हो जाना,
वो लम्हा इस कदर दिल में घर कर गया..!
LAAZAMI THA ISHAQ KA HO JAANA
WO LAMHAA IS KADAR DIL MAIN GHAR KAR GYA
बैराग-ऐ-उल्फत
बैराग-ऐ-उल्फत मैं मिला हमको,
चाहत ये तेरी नया अफसाना लिख गयी..!
BAIRAAG-EY-ULFAT MAIN MILA HAMKO,
CHAAHAT YE TERI NAYA FASANA LIKH GYI..!
दुश्मन दिल
मैं हर दफा करता रहता हूँ, अपने दिल से तुम्हारी बुराई,
मगर ये कम्बखत, मुझसे ही दुश्मनी निभाता है..!
MAIN HAR DAFAA KARTA REHTA HUN APNE DIL SE TUMHARI BURAYI,
MAGAR YE KAMBHAKHAT MUJHSEE HI DUSHMANI NIBHAATA HAI..!
खुशामद
TUMHARI KHUSHAMAD KE ILAWA ISE AUR KUCH NHIN AATA,
AYE DIL YE KAISE DAUR SE GUZAR RAHA HUN..!
तुम्हारी खुशामद के इलावा और कुछ नहीं आता,
ऐ दिल ये किस दौर से गुज़र रहा हूँ मैं..!
नशा-ऐ-इश्क़
नशा-ऐ-इश्क़ मैं तो हम डूबे रहते हैं,
मैखान-ऐ-शराब अब हमारे किस काम की..!
NASHA-E-ISHAQ MAIN TO HAM DOOBE REHTE HAIN,
MAIKHAN-E-SHARAAB AB HAMARE KIS KAAM KI..!
इश्क़
इश्क़ में कैद हो जाना मुनासिब लगा मुझे,
क्या है के सिरफिरे आशिक़ की कभी रिहाई नहीं होती..!
ISHAQ MAIN KAID HO JAANA MUNASIB LAGAA MUJHE,
KYA HAI KE SIRPHIRE ASHIQ KI KABHI RIHAYI NHI HOTI..!
उल्फत
मोहब्बत मज़ाक बनकर ना रह जाये,
दिल की सेज़ उमंगो में ना बह जाये,
तुम आके अपना लो हमारी चाहत को ,
हमारी उल्फत कहीं रुस्वा न रह जाये..!
MOHABBAT MAZAK BANKAR NA REH JAYE,
DIL KI SEZ UMANGO MAIN NA BEH JAYE,
TUM AAKE APNA LO HAMARI CHAHAT KO ,
HAMARI ULFAT KAHIN RUSWA NA REHJAYE..!
हसीनो की महफ़िल
हसीनो की महफ़िल छोड़, तेरी गली के चक्कर लगाता हूँ,
समझ में नहीं आता तुम खेलती हो हमारे दिल से,
यां हमारा दिल खेल रहा है हमसे,
खैर दोनों सूरतों में हमारा ही हार जाना तै है..!
HASINO KI MEHFIL CHORH, TERE GALI KE CHAKKAR LAGATA HUN,
SAMAJ MAIN NAHIN AATA TUM KHELTI HO HAMARE DIL SE,
YAN HAMARA DIL KHEL RAAHA HAI HAMSE SE,
KHAIR DONO SOORTON MAIN HAMARA HI HAAR JANA TAI HAI..!
चाहत
समझ में नहीं आता के ये इश्क़ है यां जनून,
चाहत तेरी के समंदर तैरता ही चला जा रहा हूँ में..!
SMAJ MAIN NHI AATA KE YE ISHAQ HAI YAN JANOON,
CHAAHAT TERI KE SAMANDAR TAIRTAA HI CHALA JAA RAHA HUN MAIN..!
ऐलान-ऐ-इश्क़
ऐलान-ऐ-इश्क़ तोह हमने कर ही दिया है,
ये आशिक़ी तो अब जान लेके ही जायेगी..!
AILAAN-EY-ISHAQ TOH HAMANE KAR HI DIYA HAI,
YE ASHIQI TO AB JAAN LAIKE HI JAAYEGI..!
इश्क़
क्या खूब इश्क़ की सज़ा देती हो,
मेरे दिल के जख्मो को हवा देती हो..!
KYA KHOOB ISHQ KI SAZAA DETI HO,
MERE DIL KE JAKHMOO KO HAWA DETI HO..!
हाल-ऐ-दिल
हाल-ऐ-दिल क्या बयान करें अब,
कैफियत क्या बतायें तुम्हें अब,
कैद-ऐ-तन्हाई उल्फत में मिली अब,
ये इश्क़ हमें जाने कहाँ ले आया..!
HAAL-EY-DIL KYA BYAN KARAIN AB,
KAIFIYAT KYA BATAYAIN TUMHAIN AB,
KAID-EY-TANHAYI ULFAT MAIN MILI AB,
YE ISHAQ HAMAIN JAANE KAHAN LAI AYAA..!
खवाहिश
इश्क़ में हर जाना जीत जाना लगा मुझे ,
तेरी वफाओं की पनाहों में कैद होने की खवाहिश जो रही..!
ISHAQ MAIN HAR JANA JEET JANA LAGA MUJHE ,
TERI WAFAON KI PANAHON MAIN KAID HONE KI KHUAWAHISH JO RAHI..!
मोहब्बत
तेरे लिए अपनी मोहब्बत को मज़ाक बना दिया हमने,
तुम भी हमारी मोहब्बत यकीन तो कर..!
TERE LIYE APNI MOHABBAT KO MAZAK BANA DIYA HAMNE,
TUM BHI HAMARI MOHABBAT YAKEEN TO KAR..!
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