Maut Shayari
Maut Shayari
इश्क़
इश्क़ गर मौत तो मर जाना है मुजे,
तुमसे दूर रेहना भी तो मरने से कम नहीं..!
ISHQ GAR MAUT HAI TO MAR JANA HAI MUJHE,
TUMSE DOOR REHNA BHI TO MARNE SE KAM NHIN..!
मौत आ जाये
मौत आ जाये मगर जुदाई ना आये,
इस इश्क़ में कभी रिहाई ना आये..!
MAUT AA JAYE MAGAR JUDAYI NA AAYE,
IS ISHQ MAIN KABHI RIHAYI NA AAYE..!
दिल
कतल करते हैं बढी खुबसूरती से दिल का,
बच पाना बढा मुश्किल हो चला है दिल का..!
KATAL KARTE HAIN BADHI KHUBSURATI SE DIL KA,
BACH PANA BADHA MUSHKIL HO CHALA HAI DIL KA..!
जिन्दगी
हम तो जान तुझे दे चुके हैं,
मौत से फिर डरना क्या,
जो जीना पढे तुमसे दूर रह कर,
ऐसी जिन्दगी का हमने करना क्या…!
HAM TO JAAN TUJHE SE CHUKE HAIN,
MAUT SE PHIR DARNA KYA,
JO JEENA PADHE TUMSE DOOR REH KAR,
AISI ZINDAGI KA HAMNE KARNA KYA..!
जनाजा
मिल जाना हमसे सिरफ एक बार,
इस अशिक़ का जनाजा उठने से पहले..!
MIL JANA HAMSE SIRAF EK BAAR,
IS ASHIQ KA JANAZA UTHNE SE PEHLE..!
इरादा
हम तो जान देने का इरादा कर के आये हैं,
कोई हो तो सही जिसके लिये जान दें सके..!
HAM TO JAAN DENE KA IRADA KAR KE AAYE HAIN,
KOI HO TO SAHI JISKE LIYE JAN DE SAKEN..!
कबर
मत आना मेरी कबर पर मातम मनाने,
मेरी अधुरी मोहब्बत का मजाक उड़ाने,
जिसनें चोट खाई है, वोहीं जानता है दर्द क्या है,
जखम देने वाला मरहम क्या जानें..!
MAT AANA MERI KABAR PAR MATAM MANANE,
MERI ADHURI MOHABBAT KA MAJAK UDANE,
JISNE CHOT KHAYI HAI, WOHI JANTA HAI DARD KYA HAI,
JAKHAM DENE WALA MARHAM KYA JAANE..!
तन्हा ही अच्छे हैं
अधुरी मोहब्बत से तो मुकम्मल मौत अच्छी है,
तमाम उम्मर दर्द में गुजरी रही,
इतने जख्म दिये है इस आशिकी ने हमे,
के अब हम तन्हा ही अच्छे हैं..!
ADHURI MOHABBAT SE TO MUKAMMAL MAUT ACHI HAI,
TAMAM UMAR DARD MAIN GUJRI RAHI,
ITNE JAKHAM DIYE HAIN IS ASHIQI NE HAME,
KE AB HAM TANHA HI ACHE HAIN..! (urdu Poetry-Wikipedia)